तुम्ही से......

मुस्कुरा रहा है चाँद
हर एक तरफ हैं शोखियाँ,
इस चांदनी पे गोर कर
ये रोशन तुम्ही से है....!!




हर एक चीज़ खास है
बरसात हो या बदलियाँ,
इस समां पे गोर कर
ये महरबां  तुम्ही से है.....!!
 




ये पंछियों का कारवां 
छुएगा जैसे आसमान,
ऊँचाइयों की ये ललक....
इनमे ये उडान तुम्ही से है......

में देखता हूँ दूर तक
के हर दिशा हसीन  है,
हैं हर तरफ जो खूबियाँ
ये जवां तुम्ही से हैं....!!   





 

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